NCERT Solutions for Class 5 Hindi Chapter 28 - विराम-चिह्नों का परिचय और भेद

Question 1:

विराम चिह्न से क्या अभिप्राय है ? हिंदी में प्रचलित विराम चिह्न को स्पष्ट करें।

Answer:

बातचीत करते समय हम अपने भावों को स्पष्ट करने के लिए कहीं-कहीं ठहरते हैं। लिखने में भी ठहराव प्रकट करते हैं। ठहराव को प्रकट करने के लिए जो चिह्न लगाए जाते हैं, वे विराम चिह्न कहलाते हैं।

Question 2:

विराम चिह्न किसे कहते हैं ? इनका परिचय दीजिए।

Answer:

विराम चिह्नï—बोलते समय हम सब कुछ एक ही गति से नहीं बोलते जाते। एक वाक्य के मध्य में कहीं-कहीं कुछ क्षणों के लिए रुकते हैं और इसी प्रकार वाक्य के समाप्त होने पर भी रुकना पड़ता है। इसी रुकने को 'विरामÓ कहते हैं।
इसी विराम को प्रकट करने के लिए हम जिन चिह्नों को लिखते हैं, उन्हें विराम चिह्न कहते हैं। विराम चिह्न निम्नलिखित हैं—
1. पूर्ण विराम (।)—वाक्य की पूर्ति की सूचना देने वाले चिह्न को पूर्ण विराम कहते हैं ; जैसे—अनुशासनहीनता देश के लिए घातक है।
2. अर्द्ध विराम (;)—वाक्य की पूर्ण समाप्ति न होने पर भी जहां बीच में समाप्ति-सी लगे। अगले वाक्य से जोड़ने वाले अव्यय का अभाव हो, तब इसका प्रयोग होता है ; जैसे—आजकल शिक्षा का उद्देश्य नौकरी है; इसलिये उसका वास्तविक महत्त्व जाता रहा है।
3. अल्प विराम (,)—पढ़ते समय जहाँ थोड़ी देर ठहरना हो, वहाँ अल्प विराम लगाते हैं ; जैसे—लोकमान्य तिलक, मालवीय, महात्मा गाँधी महान् नेता थे।
4. अपूर्ण विराम (:—)—आगे जाने वाली बात के लिए पहले वाक्य से संकेत करना हो तो इसका निर्देशक वाक्य के साथ प्रयोग होता है ; जैसे—निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं चार का उत्तर दीजिए।
5. प्रश्न सूचक (?)—वाक्य को प्रश्न वाचक सूचित करने के लिए इसका प्रयोग होता है ; जैसे—क्या मूर्ख को समझना सरल है ?
6. विस्मयादिबोधक (!)—मानसिक आवेगों के लिये इसका प्रयोग होता है; जैसे—हाय ! मैं मारा गया। उफ! इतनी पीड़ा।
7. निर्देशक (—)—किसी शब्द के भाव को साफ-साफ स्पष्टï करने के लिए उसके आगे लगाया जाता है; जैसे—लाला लाजपतराय—पंजाब केसरी—ने अंग्रेज़ी साम्राज्य की जड़ें हिला दी थीं, यथा, जैसे शब्दों के बाद भी इसका प्रयोग होता है।
8. संयोजक (-)—यह समस्त पदों के बीच लगकर समास की सूचना देता है; जैसे—माता-पिता, सुख-दु:ख।
9. कोष्ठक चिह्न [()]—किसी बात के स्पष्टïीकरण के लिए उसका अर्थ वाक्य का अंग न बनाते समय इसमें लिखा जाता है; जैसे—3० जनवरी हमारे राष्ट्रपिता (महात्मा गांधी) की बलिदान तिथि है।
10. उद्धरण चिह्न (''ÓÓ)—जब किसी वक्ता या लेखक की उक्ति को ज्यों का त्यों उद्धृत करना हो; जैसे—लाला लाजपतराय ने कहा था, ''मेरे शरीर पर पड़ी एक-एक लाठी ब्रिटिश साम्राज्य के क$फन में कील का काम देगी।ÓÓ
11. लाघव चिह्नï (०)—किसी शब्द को संक्षेप में लिखने के लिए इसका प्रयोग होता है; जैसे—पं० नेहरू। ला० लाजपतराय। डॉ० राजेंद्र प्रसाद।
12. संबोधन चिह्न (!)—किसी को बुलाने या पुकारने में इसका प्रयोग होता है; जैसे—हे ईश्वर ! हम पर दया करना।