Board Paper of Class 10 2022 Hindi-B G-10 Term 1 Code 004/2/4 - Solutions
सामान्य निर्देश―
निम्नलिखित निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका पूरी तरह से पालन कीजिए—
- इस प्रश्न-पत्र में कुल 55 प्रश्न दिए गए हैं जिनमें से केवल 40 प्रश्नों के उत्तर देने हैं।
- सभी प्रश्न समान अंक के हैं।
- प्रश्न-पत्र में तीन खंड हैं— खंड-क, ख और ग।
- खंड-क में 20 प्रश्न पूछे गए हैं। प्रश्न संख्या 1 से 20 में से 10 प्रश्नों के उत्तर निर्देशानुसार देने हैं।
- खंड-ख में 21 प्रश्न पूछे गए हैं। प्रश्न संख्या 21 से 41 में 16 प्रश्नों के उत्तर निर्देशानुसार देने हैं।
- खंड-ग में 14 प्रश्न पूछे गए हैं। प्रश्न संख्या 42 से 55 तक सभी प्रश्नों के उत्तर निर्देशानुसार देने हैं।
- प्रत्येक खंड में निर्देशानुसार परीक्षार्थियों द्वारा पहले उत्तर किए गए वांछित प्रश्नों का ही मूल्यांकन किया जाएगा।
- प्रत्येक प्रश्न के लिए केवल एक ही सही विकल्प है। एक विकल्प से अधिक उत्तर देने पर अंक नहीं दिए जाएँगे।
- ऋणात्मक अंकन नहीं होगा।
(अपठित गद्यांश)
'प्रबुद्ध भारत’, दिसंबर 1898, को दिए एक साक्षात्कार में विवेकानंद जी ने बताया कि मैंने पृथ्वी के दोनों गोलार्धों का पर्यटन किया है। मेरा तो दृढ़ विश्वास है कि जिस जाति ने सीता को उत्पन्न किया] चाहे वह उसकी कल्पना ही क्यों न हो] उस जाति में स्त्री जाति के लिए इतना अधिक सम्मान और श्रद्धा है। जिनसे भारतीय स्त्रियाँ सर्वथा मुक्त एवं अपरिचित हैं। भारतीय समाज में निश्चय ही दोष और अपवाद दोनों हैं। पर यही स्थिति पाश्चात्य समाज की भी है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि संसार के सभी भागों में प्रीति] कोमलता और साधुता को अभिव्यक्ति करने के प्रयत्न चल रहे हैं। भारतीय स्त्री&जीवन में बहुत&सी समस्याएँ है और ये समस्याएँ बड़ी गंभीर हैं। परंतु इनमें से कोई भी ऐसी नहीं है जो 'शिक्षा’ रूपी मंत्र बल से हल हो सके। पर हाँ शिक्षा की सच्ची कल्पना हममें से कदाचित ही किसी ने की हो। मैं मानता हूँ कि सच्ची शिक्षा वह है जिससे मनुष्य की मानसिक शक्तियों का विकास हो। वह शब्दों का केवल रटना मात्र न हो। यह व्यक्ति की मानसिक शक्तियों का ऐसा विकास हो जिससे वह स्वयमेव स्वतंत्रतापूर्वक विचार करके उचित निर्णय कर सके। भारतीय स्त्रियों को ऐसी शिक्षा दी जाए जिससे वे निर्भय होकर भारत के प्रति अपने कर्तव्य को भली भाँति निभा सकें और संघमित्रा लीला अहिल्याबाई और मीरा आदि महान भारतीय देवियों की परंपरा को आगे बढ़ा सकें 'वीर&प्रसूत’ बन सकें।
Question 1
गद्यांश में समस्त विश्व द्वारा किए जाने वाले किन प्रयत्नों का उल्लेख किया गया है?
- स्त्रियों को धार्मिक&सामाजिक शिक्षा दिए जाने के लिए किए जाने वाले प्रयास।
- लोगों में प्रेम सज्जनता एवं संवेदनशीलता के विकास के लिए किए गए प्रयास।
- मानव जाति को धर्मराजनीति की शिक्षा हेतु किए जाने वाले प्रयास।
- समस्त समस्याओं को समाधान धर्म में तलाशने हेतु किए जाने वाले प्रयास।
उत्तर— (b)
Question 2
"भारतीय समाज में निश्चय ही दोष और अपवाद दोनों हैं।" विवेकानंद ने ऐसा क्यों कहा?
- भारतीय समाज में महिलाओं के शोषित और सशक्त दोनों रूप होने के कारण।
- भारतीय समाज में महिलाओं का बहुत अधिक शोषण होने के कारण।
- भारतीय समाज में महिलाओं के अत्यधिक धार्मिक होने के कारण।
- भारतीय समाज में महिलाओं के अत्यधिक अशिक्षित होने के कारण।
उत्तर— (a)
Question 3
"सच्ची शिक्षा” की परिकल्पना में शामिल नहीं है—
- धर्म शिक्षा के माध्यम से सामाजिक समस्याओं का समाधान।
- महिलाओं की शिक्षा&प्राप्ति में समान रूप से भागीदारी।
- अभय सजगता एवं कर्तव्यबोध के विकास हेतु शिक्षा।
- स्वतंत्र सोच एवं निर्णय क्षमता के विकास हेतु शिक्षा।
उत्तर— (a)
Question 4
हर समस्या के समाधान का राम&बाण है—
- सर्व-शिक्षा
- स्त्री शिक्षा
- सामाजिक शिक्षा
- राजनैतिक शिक्षा
उत्तर— (a)
Question 5
'वीर-प्रसूता' का आशय है—
- अपना निर्णय स्वयं लेने वाली
- परंपराओं का निर्वाह करने वाली
- वीरों को जन्म देने वाली
- कर्तव्य का बोध रखने वाली
उत्तर— (c)
अथवा
सोना तपने पर कंचन बनता है। ठीक यही बात आदमी के साथ भी है। हमारे धर्मग्रंथों में कहा गया है कि दुनिया में सबसे दुर्लभ आदमी का शरीर है। सारे प्राणियों में आदमी को ऊँचा माना गया है और वह इसलिए कि आदमी के पास बुद्धि है विवेक है। संसार में जितनी चीजें आविष्कृत हुई हैं सब बुद्धि के जोर पर हुई हैं। आज हजारों मील की यात्रा घंटों मे हो जाती है। यह सब आदमी की बुद्धि से ही संभव हुआ है। जिसके पास इतनी चीजें हों वह धन या दुनियादारी की चीज़ों के पीछे भटके यह उचित नहीं है। बुद्धि का प्रयोग उसे बराबर आगे बढ़ने के लिए करना चाहिए। जिन्होंने ऐसा किया है उन्होंने मानवता की बड़ी सेवा की है। उनका नाम अमर हो गया है। धन का खोट आदमी को तब मालूम होता है जब वह खरा बनने लगता है। खरा बनने का अर्थ यह नहीं है कि इनसान घर-बार छोड़ दे जंगल में चला जाए और भगवान के चरणों में लौ लगाकर बैठा रहे। बहुत—से लोग ऐसा करते भी हैं] पर यह रास्ता सबका रास्ता नहीं है। दुनिया में ज्यादातर लोगों का वास्ता अपने घर के लोगों से ही नहीं] दूसरों के साथ भी पड़ता है। उत्तम पुरुष वह है जो अपनी बुराइयों को दूर करता है और नीति का जीवन बिताते हुए अपने देश और समाज के काम आता है सबसे प्रेम करता है और सबके सुख-दुख में काम आता है।
Question 6
बुद्धि-विवेक का प्रयोग किस कार्य में होना चाहिए?
- सफर को आसान बनाने वाली खोजों में।
- अधिक से अधिक धन-दौलत जुटाने में।
- निरंतर स्वयं का विकास करते रहने में।
- भौतिक सुख-सुविधाओं को प्राप्त करने में।
उत्तर— (c)
Question 7
सभी प्राणियों में मानव को सर्वश्रेष्ठ क्यों माना गया है?
- उसके पास मौजूद बुद्धि और विवेक के कारण।
- पशुओं से भिन्न विशेष शारीरिक संरचना के कारण।
- उसके पास मौजूद धन और दौलत के कारण।
- उसके द्वारा की गई विविध खोजों के कारण।
उत्तर— (a)
Question 8
धन की निरर्थकता का अहसास कब होता है?
- जब उससे मनचाही वस्तु नहीं मिल पाती है।
- घर-संसार का त्याग कर संन्यास ग्रहण करने पर।
- यह पता चलने पर कि इससे प्राप्त सुख वास्तविक नहीं है।
- यह पता चलने पर कि इसकी मौजूदगी खतरे का कारण है।
उत्तर— (c)
Question 9
धर्मग्रंथ किसे दुर्लभ बताते हैं?
- अमर होने को
- बुद्धि-विवेक को
- भौतिक उपलब्धि को
- मानव तन को
उत्तर— (d)
Question 10
'श्रेष्ठ' कौन है?
- प्रेम और मानवता में विश्वास करने वाला।
- निरंतर अपना आर्थिक विकास करने वाला।
- भक्ति और शक्ति में विश्वास करने वाला।
- निरंतर अपना शैक्षणिक विकास करने वाला।
उत्तर— (a)
मध्यप्रदेश के देवास जनपद में लोगों के संकल्प और पुरुषार्थ से 1067 तालाब बनाए गए। पर्याप्त संख्या में तालाब न होने से मध्यप्रदेश में पानी की कमी बनी रहती है लेकिन देवास में पानी की किल्लत खत्म हो गई है। ऐसा ही संकल्प अगर देश के हर गाँव और कस्बे में रहने वाले लोगों में आ जाए तो पानी को लेकर हाहाकार की स्थिति किसी गाँव में नहीं होगी। परंपरागत तालाब संस्कृति को पुनर्जीवित किए बिना हर गाँव में तालाब संस्कृति का पुनर्वास नहीं हो सकता। आज देश के 254 जिलों में पानी की भारी किल्लत है। इससे यहाँ की आबादी को उसकी जरूरत के मुताबिक पानी नहीं मिल पार रहा है। पानी का अत्यधिक दोहन और पानी की खपत बढ़ने के कारण पिछले 30-40 वर्षों में पानी की समस्या तेज़ी से बढ़ी है। एक तरफ तो पानी की प्रति व्यक्ति माँग निरंतर बढ़ती जा रही वहीं दूसरी ओर देश की आबादी भी लगातार बढ़ रही है। ऐसे में पानी की माँग बढ़ेगी और उसकी उपलब्धता कम होती जाएगी। केंद्रीय मौसम विज्ञान के अनुसार देश की कुल वार्षिक वर्षा 1170 मि- मी- होती है] वह भी महज़ तीन महीने में लेकिन इस आकूत पानी का इस्तेमाल हम महज़ 20% ही कर पाते हैं अर्थात् 80% पानी बिना इस्तेमाल यों ही बह जाता है। अगर बरसात के पानी को संरक्षित करने की योजना पर अमल करें तो पानी की कमी से ही छुटकारा नहीं मिलेगा बल्कि पानी को लेकर होने वाली राजनीति से भी हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाएगा।
Question 11
जल को लेकर होने वाली राजनीति को कैसे दूर किया जा सकता है?
- जल को लेकर कोरी राजनीति करके।
- जल को लेकर राजनीति न करके।
- जल संबंधी कानूनों का निर्माण करके।
- जल संरक्षण की योजना पर अमल करके।
उत्तर— (d)
Question 12
देवास निवासियों की जल-समस्या का समाधान हुआ—
- जल संरक्षण हेतु व्यापक रूप से तालाबों का निर्माण करके।
- जल संरक्षण हेतु व्यापक रूप से धरना-प्रदर्शन करके।
- जल संरक्षण हेतु व्यापक रूप से राजनीति करके।
- जल संरक्षण हेतु व्यापक रूप से कानून-निर्माण करके।
उत्तर— (a)
Question 13
वार्षिक वर्षा का कितने प्रतिशत जल बरबाद हो जाता है?
- 80 प्रतिशत
- 20 प्रतिशत
- 30 प्रतिशत
- 40 प्रतिशत
उत्तर— (a)
Question 14
देश की जल संबंधी समस्या का सर्वोपयुक्त समाधान है—
- वर्षा के जल को संरक्षित करने की योजना बनाना।
- वर्षा के जल को संरक्षित करने हेतु कानून बनाना।
- वर्षा के जल को संरक्षित करने पर विचार-विमर्श करना।
- वर्षा के जल को संरक्षित करने की योजना पर अमल करना।
उत्तर— (d)
Question 15
निम्नलिखित में से क्या] जल की बढ़ती किल्लत का कारण नहीं है?
- जल की बढ़ती खपत
- देश की बढ़ती आबादी
- तालाबों का संरक्षण
- जल का अत्यधिक दोहन
उत्तर— (c)
अथवा
ईश्वर का नाम लेकर उस पर विश्वास कर हम मन में शक्ति का एकीकरण कर कार्यरत होते हैं। हमारा विश्वास मजबूत होता है कि हमारे साथ ईश्वर है। हम इस कार्य में सफल होंगे। आत्मविश्वास को दृढ़ बनाने के लिए ईश्वर का अस्तित्व बनाया गया है। इसके साथ-साथ 'ईश्वर' की कल्पना मनुष्य को भयभीत भी करती है। एकांत में भी मनुष्य कोई पाप या गलत काम न कर सके] इसी आधार पर उसे सर्वव्यापी] सर्वद्रष्टा बतलाया गया है। कण-कण में उसका निवास माना गया है। मनुष्य पर नियंत्रण रखने के लिए किसी न किसी शक्ति की आवश्यकता तो है ही। इसी आधार पर ईश्वर की संकल्पना की गई और इसी प्रकार असफलताओं को रोकने के लिए] अपने दोष पर परदा डालने के लिए 'भाग्य' की भी कल्पना की गई। हम स्वयं अपने भाग्य—विधाता हैं। जैसा कार्य करेंगे वैसा फल पाएँगे। अतएव भाग्य को आप दोष न दें। चींटी को देखें। वह कितनी बार चढ़ती-गिरती है। अगर वह भाग्यवादी होती तो फिर चढ़ ही न पाती। निरंतर प्रयास करके ही वह सफल होती है। वह भाग्य पर निर्भर नहीं] कर्म करके दिखलाती है। इस कारण बराबर कार्य में लगे रहें। सफलता हाथ आए या फिर असफलता----- सफलता पर प्रसन्न होकर अपनी प्रगति धीमी न करें। असफलता पर घबराकर या निराश होकर मैदान छोड़कर न भागें। अपना कार्य बराबर आगे बढ़ाते रहें। जो उद्यम करते हैं परिश्रमरत रहते हैं निरंतर अपने कदम का ध्यान रखते हैं वे अवश्य ही जो भी इच्छा करते हैं पा जाया करते हैं।
Question 16
अकर्मण्य अपनी असफलता का कारण किसे मानते हैं?
- ईश्वर को
- दुर्भाग्य को
- सौभाग्य को
- परिश्रम को
उत्तर— (b)
Question 17
मनुष्य का भाग्य—विधाता कौन है?
- उसके अपने कर्म
- उसके अपने कर्म
- उसकी अपनी शिक्षा
- उसका अपना ज्ञान
उत्तर— (a)
Question 18
ईश्वर की संकल्पना क्यों की गई है?
- हमें कुमार्ग पर जाने से रोकने के लिए।
- हमें पुण्य करने का महत्त्व समझाने के लिए।
- हमें भाग्य में विश्वास करना सिखाने के लिए।
- जीवन में डर-डर कर आगे बढ़ने के लिए।
उत्तर— (a)
Question 19
चींटी हमें क्या संदेश देती है?
- उठने के लिए गिरना आवश्यक है।
- सफलता बार-बार गिरने से मिलती है।
- सफलता हेतु सतत प्रयास आवश्यक है।
- गिरने के लिए उठना आवश्यक है।
उत्तर— (c)
Question 20
गद्यांश में समर्थन किया गया है—
- धर्मवाद का।
- ईश्वरवाद का।
- भाग्यवाद का।
- कर्मवाद का।
उत्तर— (d)
(व्यावहारिक व्याकरण)
III. निम्नलिखित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के सही उत्तर वाले विकल्प चुनिए—
Question 21
'कमरे में आते ही भाई साहब का वह रौद्र रूप देखकर प्राण सूख जाते।‘ —रेखांकित पदबंध है—
- सर्वनाम पदबंध
- विशेषण पदबंध
- संज्ञा पदबंध
- क्रियाविशेषण पदबंध
उत्तर— (c)
Question 22
'सुलेमान उनकी बातें सुनकर थोड़ी दूर पर रुक गए।' —इस वाक्य में क्रिया पदबंध है—
- उनकी बातें सुनकर
- थोड़ी दूर पर
- रुक गए
- बातें सुनकर थोड़ी दूर
उत्तर— (c)
Question 23
'उसने तताँरा को तरह-तरह से अपमानित किया।'— इस वाक्य में रेखांकित पदबंध का प्रकार है—
- विशेषण पदबंध
- क्रियाविशेषण पदबंध
- सर्वनाम पदबंध
- क्रिया पदबंध
उत्तर— (b)
Question 24
'फैलते हुए प्रदूषण ने पंछियों को बस्तियों से भगाना शुरू कर दिया।'— रेखांकित पदबंध का भेद है—
- संज्ञा पदबंध
- सर्वनाम पदबंध
- क्रिया पदबंध
- विशेषण पदबंध
उत्तर— (a)
Question 25
'वह तलवार को अपनी तरफ खींचते-खींचते दूर तक पहुँच गया।' — रेखांकित पदबंध का भेद छाँटिए—
- क्रिया पदबंध
- विशेषण पदबंध
- क्रियाविशेषण पदबंध
- सर्वनाम पदबंध
उत्तर— (c)
IV. निम्नलिखित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के सही उत्तर वाले विकल्प चुनिए—
Question 26
निम्नलिखित में से उपयुक्त सरल वाक्य छाँटिए—
- निम्नलिखित में से उपयुक्त सरल वाक्य छाँटिए—
- भाई साहब उपदेश देने की कला में निपुण थे।
- मैं उनकी लताड़ सुनता और आँसू बहाने लगता।
- वे तो वही देखते हैं जो पुस्तक में लिखा है।
उत्तर— (b)
Question 27
'खिड़की के बाहर अब दोनों कबूतर रात-भर खामोश और उदास बैठे रहते हैं।'— रचना की दृष्टि से वाक्य है—
- सरल वाक्य
- संयुक्त वाक्य
- मिश्र वाक्य
- संकेतवाचक वाक्य
उत्तर— (a)
Question 28
'नूह ने उसकी बात सुनी और दुखी हो मुद्दत तक रोते रहे।' इस वाक्य का सरल वाक्य के रूप में रूपांतरित वाक्य है—
- जब नूह ने उसकी बात सुनी तब वे दुःखी हो गए और मुद्दत तक रोते रहे।
- नूह उसकी बात सुनकर दुखी हो मुद्दत तक रोते रहे।
- नूह ने दुखी होकर उसकी बात सुनी और मुद्दत तक रोते रहे।
- चूँकि नूह ने उसकी बात सुनी इसलिए वे दुखी हो मुद्दत तक रोते रहे।
उत्तर— (b)
Question 29
निम्नलिखित वाक्यों में संयुक्त वाक्य है—
- संसार की रचना कैसे भी हुई हो लेकिन धरती किसी एक की नहीं है।
- सहसा नारियल के झुरमुटों में उसे एक आकृति कुछ साफ हुई।
- बार-बार तताँरा का याचना-भरा चेहरा उसकी आँखों में तैर जाता था।
- मेरे जीवन में यह पहली बार है कि मैं इस तरह से विचलित हुआ हूँ।
उत्तर— (a)
Question 30
'सालाना इम्तिहान में मैं पास हो गया और दरजे में प्रथम आया।'— रूपांतरित करने पर इस वाक्य का मिश्र वाक्य होगा—
- सालाना इम्तिहान में मैं पास होकर दरजे में प्रथम आया।
- सालाना इम्तिहान हुआ मैं पास हो गया और दरजे में प्रथम आया।
- मैं पास हो गया और दरजे में प्रथम आया क्योंकि सालाना इम्तिहान हुआ।
- जब सालाना इम्तिहान हुआ तो मैं उसमें पास हो गया और दरजे में प्रथम आया।
उत्तर— (d)
V. निम्नलिखित छह प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के सही उत्तर वाले विकल्प चुनिए—
Question 31
'नरहरि' शब्द किस समास का उदाहरण है?
- अव्ययीभाव समास
- द्विगु समास
- तत्पुरुष समास
- कर्मधारय समास
उत्तर— (d)
Question 32
तत्पुरुष समास का उदाहरण है—
- थोड़ा-बहुत
- आगे-पीछे
- परिंदे-चरिंदे
- शब्द&-रचना
उत्तर— (d)
Question 33
अव्ययीभाव समास का उदाहरण नहीं है—
- बेवक्त
- बेहतर
- बेकार
- बेराह
उत्तर— (b)
Question 34
'आँचरहित' शब्द के लिए सही समास-विग्रह है—
- आँच से रहित
- आँच और रहित
- आँच में रहित
- रहित आँच के
उत्तर— (a)
Question 35
उत्तर पद प्रधान होता है—
- बहुव्रीहि समास का
- अव्ययीभाव समास का
- द्वंद्व समास का
- तत्पुरुष समास का
उत्तर— (d)
Question 36
'शब्दहीन' शब्द के लिए सही समास-विग्रह और भेद का चयन कीजिए—
- शब्द है जो हीन — कर्मधारय
- हीन है जो शब्द — तत्पुरुष
- शब्द से हीन — कर्मधारय
- शब्द से हीन — तत्पुरुष
उत्तर— (d)
Question 37
'निराशा के बादल छँटना' — मुहावरे का सही अर्थ है—
- कुछ अच्छा होना
- परेशान होना
- उदासी दूर होना
- दुखी हो जाना
उत्तर— (c)
Question 38
'व्यंग्य करना' वाक्यांश के लिए उपयुक्त मुहावरा है—
- सूक्ति-बाण चलाना
- आड़े हाथों लेना
- दाँतों पसीना आना
- बहुत फजीहत करना
उत्तर— (a)
Question 39
ईश्वर को पाने के लिए ---------- ही पड़ता है।— रिक्त स्थान की पूर्ति के लिए उपयुक्त मुहावरे का चयन कीजिए—
- बेराह चलना
- आपा खोना
- मुँह की खाना
- लोहा मानना
उत्तर— (b)
Question 40
मुहावरे और अर्थ के उचित मेल वाले विकल्प का चयन कीजिए—
- घुड़कियाँ खाना — साहस प्राप्त होना
- तलवार खींचना — सब कुछ नष्ट करना
- पन्ने रँगना — व्यर्थ में लिखना
- आग-बबूला होना — अपने वश में रहना
उत्तर— (c)
Question 41
'आटे-दाल का भाव मालूम होना' मुहावरे का अर्थ है—
- किसी को सबक सिखाना
- कठिनाइयों का ज्ञान होना
- चीजों के भाव पता चलना
- खरीदारी के गुरों का ज्ञान होना
उत्तर— (b)
(पाठ्यपुस्तक)
VII. निम्नलिखित पठित वाक्यांश पर आधारित प्रश्नों के सही उत्तर वाले विकल्प चुनिए—
जब मैं था तब हरि नहीं, अब हरि हैं मैं नाँहि।
सब अँधियारा मिटि गया, जब दीपक देख्या माँहि।।
पोथी पढ़ि-पढ़ि जग मुवा, पंडित भया न कोइ।
ऐकै अषिर पीव का, पढ़ै सु पंडित होइ।।
Question 42
'जब मैं था' में 'मैं' किसका प्रतीक है?
- कवि
- ईश्वर
- जगत
- अहंकार
उत्तर— (d)
Question 43
कवि ने सच्चा ज्ञानी किसे माना है?
- जो बहुत अधिक शिक्षित हो
- जो बिलकुल ही अशिक्षित हो
- जो धार्मिक नियमों को माने
- जो सबके प्रति प्रेम—भाव रखे
उत्तर— (d)
Question 44
ईश्वर-ज्ञान कैसे संभव है?
- भक्ति-भाव पूर्ण भजन से
- तीर्थ यात्रा पर जाने से
- पर्याप्त दान-पुण्य करने से
- अहंकार के नष्ट होने से
उत्तर— (d)
Question 45
निम्नलिखित कथनों में से सत्य कथन छाँटिए—
- ईश्वर और अज्ञान का निवास साथ&साथ ही होता है।
- ईश्वर और मैं—भाव साथ&साथ निवास नहीं कर सकते।
- ईश्वर और अहंकार में परस्पर विरोध भाव नहीं है।
- ईश्वर और अहंकार में परस्पर सहयोग का भाव होता है।
उत्तर— (b)
VIII. निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के सही उत्तर वाले विकल्प चुनिए—
वामीरो घर पहुँचकर भीतर ही भीतर कुछ बेचैनी महसूस करने लगी। उसके भीतर तताँरा से मुक्त होने की एक झूठी छटपटाहट थी। एक झल्लाहट में उसने दरवाजा बंद किया और मन को किसी और दिशा में ले जाने का प्रयास किया। बार-बार तताँरा का याचना — भरा चेहरा उसकी आँखों में तैर जाता। उसने तताँरा के बारे में कई कहानियाँ सुन रखी थीं। उसकी कल्पना में वह एक अद्भुत साहसी युवक था किंतु वही तताँरा उसके सम्मुख एक अलग रूप में आया। सुंदर, सभ्य, बलिष्ठ किंतु बेहद शांत और भोला। उसका व्यक्तित्व कदाचित वैसा ही था जैसा वह अपने जीवन-साथी के बारे में सोचती रही थी। किंतु एक दूसरे गाँव के युवक के साथ संबंध परंपरा के विरुद्ध था। अतएव उसने उसे भूल जाना ही श्रेयस्कर समझा।
Question 46
वामीरो के लिए तताँरा को भूलना क्यों आवश्यक था?
- तताँरा से मिलकर उसका मन बेचैन हो गया था।
- तताँरा ने उसे गीत गाने को विवश किया था।
- वह उसके जीवन&साथी की कल्पना पर खरा नहीं था।
- दूसरे गाँव के युवक से संबंध रखना परंपरा के विरुद्ध था।
उत्तर— (d)
Question 47
वामीरो घर पहुँचकर कैसा महसूस कर रही थी?
- आह्लादित
- संयत
- संकुचित
- असहज
उत्तर— (d)
Question 48
'तताँरा से मुक्त होने की झूठी छटपटाहट' का आशय है—
- सहानुभूति और दिखावे के लिए मुक्त होने का दिखावा करना।
- वह सचमुच ही तताँरा की यादों से मुक्त होना चाहती थी।
- उसे तताँरा के तरीके और बातों पर गुस्सा आ रहा था।
- वह तताँरा के तौर-तरीके से बहुत अधिक प्रभावित थी।
उत्तर— (d)
Question 49
वामीरो की कल्पना वाला तताँरा कैसा था?
- अद्भुत - साहसी
- सभ्य - भोला
- भोला - शांत
- सुंदर - सभ्य
उत्तर— (a)
Question 50
गाँव की क्या परंपरा थी?
- अपने गाँव के युवक से संबंध-निषेध की।
- दूसरे गाँव के युवक से संबंध-निषेध की।
- तताँरा जैसे के साथ संबंध-निषेध की।
- याचक जैसे युवक के साथ संबंध-निषेध की।
उत्तर— (b)
निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के सही उत्तर वाले विकल्प चुनिए—
बाइबिल और दूसरे पावन ग्रंथों में नूह नाम के एक पैगंबर का जिक्र मिलता है। उनका असली नाम लशकर था लेकिन अरब में उन्हें नूह के लकब से याद किया जाता है। वह इसलिए कि वह सारी उम्र रोते रहे। इसका कारण एक जख्मी कुत्ता था। नूह के सामने से एक बार एक घायल कुत्ता गुजरा। नूह ने उसे दुत्कारते हुए कहा ‘दूर हो जा गंदे कुत्ते!' इस्लाम में कुत्तों को गंदा समझा जाता है। कुत्ते ने उनकी दुत्कार सुनकर जवाब दिया, 'न मैं अपनी मर्जी से कुत्ता हूँ, न तुम अपनी पसंद से इनसान हो। बनाने वाला सबका तो वही एक है।'
मट्टी से मट्टी मिले, खो के सभी निशान।
किसमें कितना कौन है, कैसे हो पहचान।।
नूह ने जब उसकी बात सुनी तब दुखी हो मुद्दत तक रोते रहे। 'महाभारत' में युधिष्ठिर का जो अंत तक साथ निभाता नजर आता है, वह भी प्रतीकात्मक रूप में एक कुत्ता ही था।
Question 51
सभी जीवों का जन्म किसकी मर्जी से होता है?
- स्वयं की
- धर्म की
- कर्म की
- ईश्वर की
उत्तर— (d)
Question 52
नूह सारी उम्र क्यों रोते रहे?
- लशकर होने के कारण
- पैगंबर होने के कारण
- प्रायश्चित्त&भाव के कारण
- अस्वस्थ होने के कारण
उत्तर— (c)
Question 53
गद्यांश का संदेश है—
- हमें सबके प्रति असंवेदनशील होना चाहिए।
- हमें सबके प्रति संवेदनशील होना चाहिए।
- हमें किसी गलती के लिए ताउम्र रोना चाहिए।
- ताउम्र रोना ही सही मायने में प्रायश्चित्त है।
उत्तर— (b)
Question 54
'मट्टी से मट्टी मिले, खो के सभी निशान' का आशय है—
- मृत्यूपरांत सभी जीवों का निजी अस्तित्व समाप्त हो जाता है।
- मिट्टी, मिट्टी में ही मिलाई जा सकती है।
- सभी जीवों का निर्माण मिट्टी से नहीं हुआ है।
- सभी जीवों का अस्तित्व स्वयं उसके वश में है।
उत्तर— (a)
Question 55
नूह ने कुत्ते को क्यों दुत्कारा?
- वह उनसे अधिक ज्ञानी था।
- वह उन्हें काफी खतरनाक लगा।
- उन्हें कुत्ते पसंद नहीं थे।
- वे कुत्ते को गंदा मानते थे।
उत्तर— (d)