Question 1:
अपनी किसी शरारत के बारे में लिखो।
Answer:
हम कक्षा दूसरी के विद्यार्थी थे। हमारी कक्षा में एक मोटा-सा लड़का पढ़ता था जिसका काम खूब खाना और कक्षा में ही सोना था। इधर अध्यापक पढ़ा रहे होते उधर वह मज़े से सो रहा होता। हमें एक दिन एक शरारत सूझी। जैसे ही वह कक्षा में सो गया, हमने चुपके से उसका टिफिन उठाया और जल्दी से सारा खाना चट कर गए और खाली टिफिन उसके पास वैसे ही रख दिया जैसा कि पहले था। हम अब इंतज़ार करने लगे कि जब वह खाने के लिए अपना टिफिन खोलेगा तो उसकी क्या हालत होगी। जैसे ही स्कूल में आधी छुट्टी हुई सभी अपना-अपना टिफिन खोल कर खाने बैठे लेकिन मोटूराम ने जब अपना टिफिन खोला तो खाली टिफिन देखकर रोने लगा। उसका ज़ोर-ज़ोर से रोना हमारे लिए हँसने का कारण था। बेचारा उस दिन वह भूखा रहा। लेकिन हमें बाद में अपनी शरारत पर पश्चात्ताप होने लगा और हमने उसे सच्ïचाई बता दी और अपना खाना उसको दे दिया।
Question 2:
अगले दिन दोनों बिल्लियों को एक तराजू मिला। दोनों सोचने लगीं, इस तराजू को कैसे बाँटा जाए कि तभी फिर से बंदर आ गया। आगे क्या हुआ होगा?
Answer:
अगले दिन दोनों बिल्लियों को एक तरबूज मिला। दोनों सोचने लगीं, इस तराजू को कैसे बाँटा जाए कि तभी फिर से बंदर आ गया। उसने फिर उन्हें तराजू बराबर बाँट देने का वायदा किया। वह फिर जा कर एक तराजू ले आया। तरबूज काटकर दो भागों में करके तराजू पर रखकर तोलने लगा। उसने फिर पहले की तरह, बड़े भाग को बराबर करने के बहाने काटकर खाना शुरू किया। कभी इस पलड़े, कभी दूसरे पलड़े के तराजू को खाते-खाते जब थोड़ा-सा तराजू बाकी रह गया तो उसने अपनी मेहनताना कहकर उस टुकड़े को भी खा लिया। बिल्लियाँ देखती रह गईं। लेकिन इतना सारा तराजू एक साथ खाने से बंदर का पेट खराब हो गया। उसे बार-बार शौच जाना पड़ा। हारकर जब डॉक्टर के पास गया तो उसने उसे दवा दी और सप्ताह भर खाना खाने को मना कर दिया। अब बंदर अपनी लालच पर पछताने लगा।
Question 3:
अवंती के बारे में कुछ वाक्य लिखो। तुम उसके कपड़ों, शक्ल-सूरत, पालतू-पशु, बुद्धि आदि के बारे में बता सकती हो।
Answer:
- अवंती ललारी है। वह कपड़ा रंगने का काम करता है।
- वह लंबा कुरता और धोती पहनता है।
- उसके बाल काले, लंबे व घुंघराले हैं। वह सिर पर टोपी पहनता है।
- वह बहुत तेज़-बुद्धि वाला है।
- उसके पास एक गधा भी है।
Question 4:
रोटी बनाने के लिए कितना कुछ काम करना पड़ता है, जैसे सानना, बेलना आदि। पता करो और लिखो कि इन्हें बनाने के लिए क्या करना पड़ता है—
- चाय बनाने के लिए।
- सब्ज़ी बनाने के लिए।
Answer:
- चाय बनाने के लिए—चाय बनाने के लिए सर्वप्रथम सॉस पैन में पानी माप कर गैस पर चढ़ाओ। चीनी और चाय-पत्ती डालने के पश्चात् जब पानी उबलने लगे तो उसमें दूध डालना चाहिए। तब इस मिश्रण को कुछ देर उबालना चाहिए। लीजिए चाय तैयार है।
- सब्ज़ी बनाने के लिए—सबसे पहले सब्ज़ी को धोकर, सुखाकर काटना चाहिए। कड़ाहे में तेल डालकर, तेल के गर्म होने पर काटी हुई सब्ज़ी डालनी चाहिए। नमक, हल्दी, धनिया, टमाटर आदि मसाले डालकर थोड़ा सा पानी डालकर उसे ढाँप देना चाहिए। अब उसे पकने के लिए छोड़ देना चाहिए। बीच-बीच में सब्ज़ी को हिलाते रहना चाहिए ताकि सब्ज़ी नीचे न लग जाए।
Question 5:
मैं बूढ़े को कुछ बताना चाहता था पर बता नहीं सका। क्या तुम्हारे साथ भी कभी ऐसा हुआ है ?
Answer:
बचपन में एक बार मैं अपनी छुट्टियाँ मनाने अपने माता-पिता के साथ नाना-नानी के पास गया था। वहाँ दोस्तों के साथ खेलते हुए गिर गया और मेरे दाएँ हाथ का माँस फट गया। दोस्तों ने घर आकर नाना-नानी को बताया कि राजू को चोट लग गई है। नाना जी दौड़ कर आए और मुझे उठाकर घर ले गए। नानी जी ने जल्दी से हल्दी और तेल, लहसुन गर्म करके मलहम बनाया और बिना कुछ पूछे और जाने उन्होंने झट से मेरा हाथ पकड़ा और लेप लगाना शुरू कर दिया। मैं चिल्लाया, ''नानी .... तभी नानी ने मेरी बात न सुनते हुए कहा, ''कितनी बार कहा है कि शरारतें मत किया कर पर तू समझता ही नहीं ..... अब थोड़ा सब्र कर, मलहम लगा रही हूँ। थोड़ी देर में आराम आ जाएगा।'' मैंने फिर कहा, ''ओ ..... ना ..... नी ... '' तभी फिर नानी ने बात काट दी, ''मुझे पता है बेटा, बहुत दर्द हो रहा है लेकिन चिंता मत कर मुन्ना, अभी आराम आ जाएगा।'' और ऐसा कहते-कहते लेप भी लगा दिया और उस पर पट्टी भी बाँध दी। फिर कहा, ''जा अब आराम से लेट जा। ज्यादा हिलाना-डुलाना नहीं हाथ को ।'' मैंने डरते-डरते कहा, ''नानी, तुमने पट्टी तो मेरे बाएँ हाथ में बाँधी है।'' ''तो फिर,'' नानी ने कहा। ''चोट तो मेरे दाएँ हाथ में लगी है,'' मैंने कहा। मेरा इतने कहते ही सब नानी पर हँसने लगे।