NCERT Solutions for Class 10 Science Hindi Chapter 6 - Heredity and Evolution

Question 1:

यदि एक 'लक्षण-A' अलैंगिक प्रजनन वाली समष्टि के 10 प्रतिशत सदस्यों में पाया जाता है तथा 'लक्षण-B' उसी समष्टि में 60 प्रतिशत जीवों में पाया जाता है, तो कौन-सा लक्षण पहले उत्पन्न होगा?

Answer:

'लक्षण-B' अलैंगिक प्रजनन वाली समष्टि में 60 प्रतिशत जीवों में पाया जाता है जो 'लक्षण-A' प्रजनन वाली समष्टि से 50% अधिक है इसलिए 'लक्षण-B' पहले उत्पन्न हुआ होगा।

Question 2:

विभिन्नताओं के उत्पन्न होने से किसी स्पीशीज़ की उत्तरजीविता की संभावना क्यों बढ़ जाती है?

Answer:

विभिन्नताओं के उत्पन्न होने से किसी स्पीशीज़ की उत्तरजीविता की संभावना बढ़ जाती है। प्राकृतिक चयन ही किसी स्पीशीज़ की उत्तरजीविता का आधार बनता है जो वातावरण में घटित होता है। समय के साथ उनमें जो प्रगति की प्रवृत्ति दिखाई देती है उसके साथ उन के शारीरिक अधिकल्प में जटिलता की वृद्धि भी हो जाती है। ऊष्णता को सहन करने की क्षमता वाले जीवाणुओं की अधिक गर्मी में बचने की संभावना अधिक होती है। पर्यावरण द्वारा उत्तम परिवर्तन का चयन जैव विकास प्रक्रम का आधार बनता है। विभिन्ताएँ प्राकृतिक वरण में सहायता देती हैं और विपरीत परिस्थितियों से जूझने में सहायक होती हैं। ये अनुकूलन को बढ़ावा देती हैं।

Question 3:

मेंडल के प्रयोगों द्वारा कैसे पता चला कि लक्षण (Traits) प्रभावी अथवा अप्रभावी होते हैं?

Answer:

जब मेंडल ने मटर के लंबे पौधे और बौने पौधे का संकरण कराया तो उसे प्रथम संतति पीढ़ी F1 में सभी पौधे लंबे प्राप्त हुए थे। इसका अर्थ था कि दो लक्षणों में से केवल एक पैतृक लक्षण ही दिखाई दिया। उन दोनों का मिश्रित प्रमाण दिखाई नहीं दिया। उसने पैतृक पौधों और F1 पीढ़ी के पौधों को स्वपरागण से उगाया। इस दूसरी पीढ़ी F2 में सभी पौधे लंबे नहीं थे। इस में एक चौथाई पौधे बौने थे। मेंडल ने लंबे पौधों के लक्षण को प्रभावी और बौने पौधों के लक्षण को अप्रभावी कहा। MBD_SR_VIGYAN_GXH_img55

Question 4:

मेंडल के प्रयोगों से कैसे पता चला कि विभिन्न विकल्पी लक्षण स्वतंत्र रूप से वंशानुगति करते हैं?

Answer:

मेंडल ने दो विभिन्न विकल्पों, लक्षणों वाले मटर के पौधों का चयन कर उनसे पौधे उगाए थे। लंबे पौधे तथा बौने पौधे का संकरण करा कर प्राप्त संतति में लंबे एवं बौने पौधों की गणना की। प्रथम संतति पीढ़ी (F) में कोई पौधा बीच की ऊंचाई का नहीं था। सभी पौधे लंबे थे। दो लक्षणों में से केवल एक पैतृक लक्षण ही दिखाई दिया था लेकिन दूसरी पीढ़ी (F2) में सभी पौधे लंबे नहीं थे बल्कि उनमें से एक चौथाई बौने पौधे थे। इस से स्पष्ट हुआ कि किसी भी लक्षण के दो विकल्प लैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न होने वाले जीवों में किसी भी लक्षण के दो विकल्प की स्वतंत्र रूप से वंशानुगति होती है।

Question 5:

एक 'A'- रुधिर वर्ग वाला पुरुष एक स्त्री जिस का रुधिर वर्ग ‘O’ से विवाह करता है। उनकी पुत्री का रुधिर वर्ग ‘O’ है। क्या यह सूचना पर्याप्त है। यदि आप से कहा जाए कि कौन-सा विकल्प लक्षण-रुधिर वर्ग ‘A’ अथवा ‘O’ प्रभावी लक्षण है। अपने उत्तर का स्पष्टीकरण दीजिए।

Answer:

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Question 6:

मानव में बच्चे का लिंग निर्धारण कैसे होता है?

Answer:

मानवों में लिंग का निर्धारण विशेष लिंग गुण सूत्रों के आधार पर होता है। नर में XY गुण सूत्र होते हैं और मादा में XX गुण सूत्र विद्यमान होते हैं। इससे स्पष्ट है कि मादा के पास Y गुण सूत्र होता ही नहीं है। जब नर-मादा के संयोग से संतान उत्पन्न होती है तो मादा किसी भी अवस्था में नर शिशु को उत्पन्न करने में समर्थ हो ही नहीं सकती क्योंकि नर शिशु में XY गुण सूत्र होने चाहिएँ।
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निषेचन क्रिया में यदि पुरुष का X लिंग गुण सूत्र स्त्री के X लिंग गुणसूत्र से मिलता है तो इससे XX जोड़ा बनेगा अत: संतान लड़की के रूप में होगी लेकिन जब पुरुष का Y लिंग गुण सूत्र स्त्री के X लिंग गुण सूत्र से मिलकर निषेचन करेगा तो XY बनेगा। इससे लड़के का जन्म होगा। किसी भी परिवार में लड़के या लड़की का जन्म पुरुष के गुण सूत्रों पर निर्भर करता है क्योंकि Y गुण सूत्र तो केवल उसी के पास होता है।

Question 7:

वे कौन-से विभिन्न तरीके हैं जिनके द्वारा विशेष लक्षण वाले व्यष्टि जीवों की संख्या समष्टि में बढ़ सकती है?

Answer:

यदि जनसंख्या में परिवर्तन उत्पन्न होते हैं और वे परिवर्तन व्यष्टि की सुरक्षा एवं पोषण के प्रति अनुकूल प्राकृतिक अवस्थाएँ उपस्थित करते हैं तो विशेष लक्षण वाले व्यष्टि जीवों की संख्या समष्टि में बढ़ सकती है। प्राकृतिक प्रभेद चयन और आनुवंशिक अनुकूलता इस कार्य में विशेष सहयोग प्रदान करते हैं।

Question 8:

एक एकल जीव द्वारा उपार्जित लक्षण सामान्यत: अगली पीढ़ी में वंशानुगत नहीं होते। क्यों?

Answer:

एक एकल जीव द्वारा उपार्जित लक्षण उसकी जनन कोशिकाओं की जीन पर प्रभाव नहीं डालते इसलिए वे सामान्यत: अगली पीढ़ी में वंशानुगत नहीं होते।

Question 9:

बाघों की संख्या में कमी आनुवंशिकता के दृष्टिकोण से चिंता का विषय क्यों है?

Answer:

बाघों में आनुवंशिक विभिन्नता लगभग नहीं के बराबर है। यदि अत्यंत तेज़ी से बदलती पर्यावरणीय स्थितियों में परिवर्तन नहीं आया तो वे सब नाटकीय रूप से समाप्त हो जाएंगे। उदाहरण के लिए—यदि किसी बाघ में किसी भयानक रोग का संक्रमण हो जाए तो सभी बाघ उसी से मर जाएँगे क्योंकि संक्रमण उन की जीन की आवृत्ति को प्रभावित करेगा। बाघों की निरंतर घटती संख्या भी यही संकेत कर रही है कि पर्यावरण में आया परिवर्तन उनके लिए अनुकूल नहीं रहा है और वे शायद शीघ्र ही समाप्त हो जाएं।

Question 10:

वे कौन-से कारक हैं जो नई स्पीशीज़ के उद्भव में सहायक हैं?

Answer:

हमें प्राकृतिक पर्यावरण के लिए उपयोगी और आवश्यक विभिन्नता भौगोलिक रूप से समष्टियों का अलग-थलग होना, विलग हुई समष्टियों में प्राकृतिक चयन और आनुवंशिक विचलन नई स्पीशीज़ के उद्भव में सहायक है।

Question 11:

क्या भौगोलिक पृथक्करण स्वपरागित स्पीशीज़ के पौधों के जाति-उद्भव का प्रमुख कारण होगा? क्यों या क्यों नहीं?

Answer:

हाँ। विभिन्न भौगोलिक स्थितियों के कारण विभिन्न पौधों में भी भिन्नताएँ होंगी। लक्षण दो प्रकार के होते हैं—जननकीय लक्षण और पर्यावरणीय लक्षण। स्वपरागित प्रजाति की जीन संरचना में कोई परिवर्तन न होने के कारण विभिन्नताएँ उत्पन्न नहीं होतीं पर पर्यावरणीय लक्षणों के कारण ये स्वयं को एक जाति के रूप में स्थापित कर लेती हैं।

Question 12:

क्या भौगोलिक पृथक्करण अलैंगिक जनन वाले जीवों के जाति-उद्भव का प्रमुख कारक हो सकता है? क्यों अथवा क्यों नहीं?

Answer:

नहीं। अलैंगिक जनन वाले जीवों में पीढ़ियों तक विभिन्नता उत्पन्न नहीं होती। भौगोलिक पृथक्करण से अनेक पीढ़ियों तक उन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि अति न्यून विभिन्नताएँ स्पीशीज़ के लिए पर्याप्त नहीं होंगी।

Question 13:

उन अभिलक्षणों का एक उदाहरण दीजिए जिनका उपयोग हम दो स्पीशीज़ के विकासीय संबंध निर्धारण के लिए करते हैं?

Answer:

पक्षी, मेंढक, छिपकली, घोड़ा और मानव में चार पाद हैं और उन सभी की आधारभूत संरचना एक समान है चाहे वे सब प्राणी इन से अलग-अलग काम लेते हैं। ऐसे समजात अभिलक्षणों से भिन्न दिखाई देने वाली अलग-अलग स्पीशीज़ के बीच विकासीय संबंध का निर्धारण करते हैं।

Question 14:

क्या एक तितली और चमगादड़ के पंखों को समजात अंग कहा जा सकता है? क्यों अथवा क्यों नहीं?

Answer:

तितली और चमगादड़ दोनों जीवों के पंख उड़ने का काम करते हैं पर इन्हें समजात अंग नहीं कहा जा सकता क्योंकि इन के पंखों की मूल रचना और उत्पत्ति एक समान नहीं होती चाहे इनके कार्य एक समान होते हैं। ये इनके समवृत्ति अंग हैं।

Question 15:

जीवाश्म क्या हैं? वह जैव-विकास प्रक्रम के विषय में क्या दर्शाता है?

Answer:

जीवों के चट्टानों में दबे अवशेषों को जीवाश्म कहते हैं। युगों पहले जिन जीवों का अपघटन नहीं हो सका था वे मिट्टी में मिल गए थे। उनके शरीर की छाप गीली मिट्टी पर रह गई थी और वह मिट्टी बाद में चट्टान में बदल गई थी। जीवाश्म पौधों या जंतुओं के अवशेष हैं। जीवाश्म परतदार चट्टानों के निर्माण के समय बने थे। नदियों के द्वारा दूर-दूर से लाई गई मिट्टी इन पर जमती चली गई। जीवाश्म समुद्र में सबसे पहले बने होंगे। लगभग 10 करोड़ वर्ष पहले समुद्र के तल पर अकशेरूकी जीव मृत्यु के पश्चात् वे रेत के नीचे दब गए होंगे जो दाब के कारण चट्टान बन गई होंगी। कुछ मिलियन वर्ष बाद डायनासॉर और फिर अन्य जीव मर कर मिट्टी में दब गए होंगे जो पहले वाले अकशेरूकी जीवाश्म वाली चट्टान के ऊपर बनी थी। अब जब गहराई तक खोदते हैं तो जीवाश्म मिलने आरंभ हो जाते हैं। इन से ज्ञात होता है कि विभिन्न स्पीशीज़ और वर्ग एक-दूसरे के निकटतम या दूर के संबंधी हैं। अनेक जीव, जो पहले थे, अब उन का अस्तित्व नहीं रहा। वर्तमान समय में पाए जाने वाले सभी जीव पहले अस्तित्व में नहीं आए थे।
इनसे निम्नलिखित जानकारियां प्राप्त होती हैं—
I. आज पाए जाने वाले जीवजंतुओं से पुरातन काल में पाए जाने वाले जीव-जंतु बहुत भिन्न थे।
II. पक्षियों का विकास सरीसृपों से हुआ।
III. टैरिडोफाइट और जिम्नोस्पर्म से ऐन्जियोस्पर्म विकसित हुए।
IV. सरल जीवों से ही जटिल जीवों का विकास हुआ।
V. विभिन्न पौधों और जंतुओं के वर्गों के विकास क्रम का पता चलता है।
VI. मानव विकास की प्रक्रिया का पता चलता है।

Question 16:

क्या कारण है कि आकृति, आकार, रंग-रूप में इतने भिन्न दिखाई पड़ने वाले मानव एक ही स्पीशीज़ के सदस्य हैं?

Answer:

विभिन्न स्थानों पर मिलने वाले मानवों की आकृति, आकार, रंग-रूप में भिन्नता वास्तव में आभासी है। इनकी भिन्नता का जैविक आधार तो है पर सभी मानव एक ही स्पीशीज़ के सदस्य हैं। उनमें किसी प्रकार का आनुवंशिक विचलन नहीं है। आनुवंशिक विचलन ही किसी स्पीशीज़ को दूसरे से भिन्न करता है।

Question 17:

विकास के आधार पर क्या आप बता सकते हैं कि जीवाणु, मकड़ी, मछली तथा चिम्पैंज़ी में किस का शारीरिक अधिकल्प उत्तम है? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।

Answer:

जब पृथ्वी पर जीवन का विकास हुआ था तब जीवाणु सबसे पहले बनने वाले जीव थे। युगों बाद वे अभी भी अपना अस्तित्व कायम रखे हुए हैं। उन्होंने पर्यावरण में आने वाले सभी परिवर्तनों को सफलतापूर्वक झेला है और उनके अनुसार अनुकूलन किया है इसलिए वे विस्तार के आधार पर पूर्ण रूप से सफल और समर्थ हैं। इसी प्रकार मकड़ी, मछली तथा चिंपैंज़ी ने भी अपने-अपने जीवन को विपरीत परिस्थितियों में ढालने के लिए अनुकूलन किया है। इसलिए सभी का शारीरिक अधिकल्प उत्तम है। किसी को भी शारीरिक अधिकल्प निकृष्ट नहीं कहा जा सकता।